लिंक एक्सप्रेस में फांसी लगी लाश तीन दिन तक नागदा, उज्जैन और गुना में सफर करती रही

इंदौर. उज्जैन के एक युवक ने ट्रेन के बाथरूम में फांसी लागकर जान दे दी। उसका शव तीन दिन तक ट्रेन के स्पेशल कोच में उज्जैन से गुना, नागदा और फिर इंदौर तक सफर कर आ गया। मंगलवार को जब ट्रेन इंदौर पहुंची, तब कोच स्टेशन मास्टर के ऑफिस के सामने आ गया। उस कोच में से बदबू आने पर जांचा तो शव मिला। अगले दिन पीएम करवाया गया। अफसर भी हैरान हैं कि ट्रेन तीन दिन से इतनी जगहों पर घूम आई, लेकिन किसी को पता भी नहीं चला।


रेलवे पुलिस के अनुसार मंगलवार को इंदौर पहुंची लिंक एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में 25 वर्षीय एक युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया। बाथरूम की खिड़की से रस्सी बांधकर युवक ने फांसी लगा ली थी। उसका शव सड़ चुका था। ट्रेन पहुंचने पर बदबू आने पर सफाईकर्मी वहां जांचने पहुंची। महिला ने जैसे ही दरवाजा खोला तो उसमें से पैर लटके दिखे। वह चीखती हुई बाहर दौड़ी, फिर पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम करवाया। 


एएसआई शकील खान ने बताया कि उसकी जेब से मिले आधार कार्ड से पहचान 25 वर्षीय कमल पिता रमेश यादव निवासी पटेल नगर अंकपात मार्ग उज्जैन के रूप में हुई है। उसके भाई प्रदीप ने बताया कि कमल चार साल से घर से गायब था। उसके हाथ पर महादेव और अन्य स्टीकर गुदे थे, जिससे उसकी पहचान हुई है। उसने फांसी क्यों लगाई यह समझ से परे है।
 
हर कोई देखता हुआ निकल गया
पुलिस के अनुसार कमल ने जहां फांसी लगाई उस टॉयलेट का दरवाजा खुला था। इससे अंदेशा है कि जिसने भी शव देखा तो वह बिना बताए चला गया। बताया जा रहा है कि उसने उज्जैन स्टेशन पर फांसी लगाई, जिस कोच में फांसी लगाई वह 6 स्पेशल कोच का है। ये कोच इंदौर- जयपुर लिंक एक्सप्रेस से जुड़ते हैं और लगातार चलते हैं। एफएसएल के अनुसार तीन दिन पहले फांसी लगाई गई है। तब तक ट्रेन उज्जैन से गुना फिर नागदा और उसके बाद इंदौर पहुंची। अफसर लापरवाही पता कर रहे हैं कि आखिर यह कैसे हो गया, जब किसी ने फांसी लगा ली और तीन दिन तक जानकारी नहीं लगी। फिलहाल शव परिजन को सौंपकर जांच शुरू की गई है।